मिथिलालोक फाउंडेशन के संस्थापक और अंग्रेजी के प्रतिष्ठित विद्वान डॉ. बीरबल झा ने बजट 2025 पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे बिहार और देश के मध्य वर्ग के लिए ऐतिहासिक बताया। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा और इसके साथ ही मिथिलांचल की सांस्कृतिक पहचान को प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह बजट बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।
मखाना बोर्ड का महत्व और किसानों के लिए नए अवसर
डॉ. बीरबल झा ने मखाना बोर्ड के गठन को किसानों के लिए समृद्धि के नए रास्ते खोलने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि मखाना की खेती बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में प्रमुख कृषि गतिविधि है और इसके बोर्ड के गठन से मखाना उत्पादकों को बेहतर समर्थन और प्रोत्साहन मिलेगा। यह कदम न केवल किसानों के लिए आर्थिक लाभ का मार्ग खोलेगा, बल्कि मखाना आधारित उद्योगों की स्थापना से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
बिहार के विकास के लिए अहम योजनाएं
डॉ. झा ने बजट में की गई कुछ अन्य योजनाओं का भी उल्लेख किया। बिहार के लिए पटना और बिहटा एयरपोर्ट का मीनफील्ड एयरपोर्ट के रूप में विस्तार, पटना आईआईटी का विस्तार और राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान की स्थापना जैसी योजनाओं को बिहार के विकास में मील का पत्थर मानते हुए उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से राज्य में उद्योग और कृषि दोनों के क्षेत्र में लाभ होगा।
पलायन रोकने और रोजगार के अवसर
डॉ. झा ने वित्त मंत्री को साधुवाद देते हुए कहा कि इन योजनाओं से बिहार में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे राज्य के नागरिकों का पलायन रुकने की संभावना है। बिहार के युवा अब अपने राज्य में ही बेहतर अवसरों का लाभ उठा सकेंगे और अपने सपनों को साकार कर सकेंगे।
इस बजट को बिहार के लिए ऐतिहासिक बताते हुए डॉ. बीरबल झा ने उम्मीद जताई कि यह कदम मिथिलांचल और समग्र बिहार के लिए समृद्धि और विकास की नई दिशा प्रदान करेगा।